राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में पिछले कुछ दिनों में सामने आए संगीन मामलों ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग, और जबरन धर्मांतरण के आरोपों ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज के सामने सुरक्षा और नैतिकता का गंभीर संकट पैदा कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
- कोतवाली थाना क्षेत्र की घटना:
एक नाबालिग बच्ची के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई कि कुछ युवकों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और वीडियो बनाकर उसे डराया-धमकाया। पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। - प्रतापनगर का सनसनीखेज केस:
इस मामले में चार आरोपियों, जिनमें एक महिला और उसका पति शामिल हैं, पर नाबालिग के साथ गैंगरेप और धर्म बदलने के लिए दबाव डालने के आरोप लगे। पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने उसकी फोटो और वीडियो बनाकर शोषण को अंजाम दिया। - ब्यावर जिले से जुड़े केस:
इससे पहले ब्यावर जिले के बिजयनगर में भी हिंदू लड़कियों के साथ ऐसी ही घटनाएं सामने आई थीं, जहां पीड़िताओं को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
- प्रतापनगर थाना प्रभारी सुरजीत सिंह ने बताया कि “चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है। वीडियो और फोटो जैसे डिजिटल सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है।”
- पुलिस ने IPC की धारा 376डी (गैंगरेप), POCSO एक्ट, और धर्मांतरण से जुड़े कानूनी प्रावधानों के तहत केस दर्ज किए हैं।
समाज का गुस्सा: ‘भीलवाड़ा बंद’ का आह्वान
इन घटनाओं के विरोध में सर्व हिंदू समाज ने 10 मार्च को भीलवाड़ा बंद का ऐलान किया है। संगठन के नेता राहुल शर्मा ने कहा, “ये केस सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि हमारी बेटियों की सुरक्षा और अस्मिता पर हमला है। प्रशासन को त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।”
वह सवाल जो हर किसी की जुबान पर…
- सुरक्षा का संकट: नाबालिग लड़कियां लगातार निशाना क्यों बन रही हैं?
- पुलिस की भूमिका: क्या ऐसे मामलों में थानों की लापरवाही बढ़ावा दे रही है?
- सामाजिक जिम्मेदारी: धर्म और समुदाय के नाम पर हो रही हिंसा कब थमेगी?
आगे की राह
जबकि पुलिस जांच में जुटी है, स्थानीय लोगों का कहना है कि “गिरफ्तारियों से ज्यादा जरूरी है कि ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।”
नोट: भीलवाड़ा की ये घटनाएं सिर्फ एक इलाके की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी हैं। अगर आज हम चुप रहे, तो कल किसी की बेटी, बहन, या मां इसी आग में झोंक दी जाएगी।